जीडीपी विकास दर घटकर 5 फीसदी पात्र टिकी, अर्थव्यवस्था की हालत और बदतर

नई दिल्ली। अर्थव्यवस्था में सुस्ती की समस्या से जूझ रही केंद्र सरकार को आर्थिक विकास दर के मोर्चे पर भी झटका लगा है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में देश की आर्थिक विकास दर घटकर महज पांच फीसदी रह गई है, जो साढ़े छह वर्षों का निचला स्तर है। पिछले वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही में आर्थिक विकास दर 5.8 फीसदी रही थी। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। आर्थिक विकास दर में गिरावट के बाद भारत से दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का तमगा छिन गया है। पहली तिमाही में देश की वृद्धि दर चीन से भी नीचे रही है। अप्रैल-जून तिमाही में चीन की आर्थिक वृद्धि दर 6.2 प्रतिशत रही जो उसके 27 साल के इतिहास में सबसे कम रही है। देश में घरेलू मांग में गिरावट तथा निवेश की स्थिति अच्छी नहीं रहने से पहले से ही उम्मीद जताई जा रही थी कि जून तिमाही में विकास दर का आंकड़ा पहले से ज्यादा बदतर रहेगा। वित्त वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में देश की अर्थव्यवस्था साल दर साल आधार पर महज पांच फीसदी की दर से आगे बढ़ी है। विकास दर का यह आंकड़ा बाजार की 5.7 फीसदी की उम्मीद से काफी कम है। साल 2013 के बाद जीडीपी ग्रोथ का यह सबसे बुरा दौर है।

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